Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोपालदास "नीरज" |अनुवादक= |संग्रह=ग...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गोपालदास "नीरज"
|अनुवादक=
|संग्रह=गीत जो गाए नहीं / गोपालदास "नीरज"
}}
{{KKCatGeet}}
<poem>
क्यों रुदनमय हो न उसका गान!

मृत्यु का ही कर भयंकर
भग्न छाती पर अरे घर
पूर्ण जो कर सके अपने हृदय के अरमान।
क्यों रुदनमय हो न उसका गान!

क्या करेगी शान्त उसका
हृदय-मदिरा की मधुरता
शान्ति केवल पा सके जो उर बना पाषाण।
क्यों रुदनमय हो न उसका गान!

क्या हृदय-अभिलाषा उसकी
और मधु की प्यास उसकी
अश्रु से ज्योतित करे जो आँख का सुनसान।
क्यों रुदनमय हो न उसका गान!
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
1,983
edits