Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमीर खुसरो |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatGee...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अमीर खुसरो
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGeet}}
<poem>
आ घिर आई दई मारी घटा कारी। बन बोलन लागे मोर
दैया री बन बोलन लागे मोर।
रिम-झिम रिम-झिम बरसन लागी छाई री चहुँ ओर।
आज बन बोलन लागे मोर।
कोयल बोले डार-डार पर पपीहा मचाए शोर।
आज बन बोलन मोर.........
ऐसे समय साजन परदेस गए बिरहन छोर।
आज बन बोलन मोर.........
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
1,983
edits