749 bytes added,
11:13, 17 मार्च 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अमीर खुसरो
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGeet}}
<poem>
अम्मा मेरे बाबा को भेजो री - कि सावन आया
बेटी तेरा बाबा तो बूढ़ा री - कि सावन आया
अम्मा मेरे भाई को भेजो री - कि सावन आया
बेटी तेरा भाई तो बाला री - कि सावन आया
अम्मा मेरे मामू को भेजो री - कि सावन आया
बेटी तेरा मामू तो बांका री - कि सावन आया
</poem>