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जब चाहा तलवार समझकर मुझको इस्तेमाल किया
हाक़िम ही क्या दुनिया भर ने मेरा इस्तेह्साल <ref> हासिल करना,प्राप्त करना किया</ref>किया
गुलशन पर जो कुछ बीती है कोई पूछे तो बतलाएँ
</poem>
 
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