'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह= }} ...' के साथ नया पन्ना बनाया
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आप जान गये हैं
हाथ तभी रह सकते हैं
सलामत
जब वे
सलामी बजाना
सीख लें
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