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08:19, 4 अप्रैल 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=अनामिका
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<poem>
उसकी सफेद फ्रॉक
और जाँघिए पर
किस परी माँ ने काढ़ दिए हैं
कत्थई गुलाब रात-भर में?
और कहानी के वे सात बौने
क्यों गुत्थम-गुत्थी
मचा रहे हैं
उसके पेट में?
अनहद-सी बज रही है लड़की
काँपती हुई।
लगातार झंकृत हैं
उसकी जंघाओं में इकतारे
चक्रों सी नाच रही है वह
एक महीयसी मुद्रा में
गोद में छुपाए हुए
सृष्टि के प्रथम सूर्य सा, लाल-लाल तकिया
</poem>