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Kavita Kosh से
{{KKCatMadhyaPradesh}}
{{KKShayar}}
* '''[[भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी]]'''
* '''[[समंदर ब्याहने आया नहीं है / जहीर कुरैशी]]'''
* '''[[चांदनी का दु:ख / जहीर कुरैशी]]'''
* '''[[पेड़ तन कर भी नहीं टूटा / जहीर कुरैशी]]'''
* [[वो हिम्मत करके पहले अपने अन्दर से निकलते हैं / जहीर कुरैशी]]
* [[वे शायरों की कलम बेज़ुबान कर देंगे / जहीर कुरैशी]]
* [[लोग जो गुनगुनाते रहे / जहीर कुरैशी]]
* [[दिन-ब-दिन घाव गहरे हुए / जहीर कुरैशी]]