गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बस एक शख्स ऐसा हो , जो टूट कर वफ़ा करे / श्रद्धा जैन
12 bytes added
,
20:22, 30 अप्रैल 2014
उठाए हाथ जब भी वो, मेरे लिए दुआ करे
अकेले
बैठूं
बैठी मैं कहीं
जो
कभी मैं, खुद को सोचती हुई
गुम ख्यालों में दिखूँ
तो
मेरी
आँखें
मूँद
मीच
कर
मेरी
, वो पीछे से
हंसा
हँसा
करे
मुझे बताए ग़लतियाँ, दिखाए भी वो रास्ता
Shrddha
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits