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{{KKRachna
|रचनाकार=सुदर्शन फ़ाकिर
}} [[Category:गज़ल]]{{KKCatGhazal}}<poem>शैख़ जी थोड़ी सी पीकर आइये मय है क्या शय फिर हमें बतलाइये
शैख़ जी थोड़ी सी पीकर आइये <br>आप क्यों हैं सारी दुनिया से ख़फ़ा मय है क्या शय फिर हमें बतलाइये <br><br>आप भी दुश्मन मेरे बन जाइये
आप क्यों हैं सारी दुनिया से ख़फ़ा <br>क्या है अच्छा क्या बुरा बंदा-नवाज़ आप भी दुश्मन मेरे बन जाइये <br><br>समझें तो हमें समझाइये
क्या है अच्छा क्या बुरा बंदा-नवाज़ <br>आप समझें तो हमें समझाइये <br><br> जाने दिजे अक़्ल की बातें जनाब <br>दिल की सुनिये और पीते जाइये <br><br/poem>
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