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सदा वर्जनाएँ झेली हैं जीवन में|में।बोलने की, चलने की, सोने की जगने की|की।देखने की, सुनने की, समझने व न समझने की|की।सुबह से शाम तक वर्जनाएँ ही वर्जनाएँ||वर्जनाएँ।।बाहर निकली तो पड़ोसियों की|की।स्कूल गई तो संग सहेलियों की|की।कक्षा में बैठी तो शिक्षिकाओं की|की।कैन्टीन में सहयोगी छात्र-छात्राओं की||की।।सबकी नज़रों में वर्जनाएँ ही वर्जनाएँ|वर्जनाएँ।धरी रह गई मेरी सारी कामनाएँ|कामनाएँ।छिद्र-छिद्र होती रही मन की भावनायेँ|भावनायेँ।सहती रही जीवन भर सबकी वर्जनाएँ||वर्जनाएँ।।थोड़ी बड़ी हुई तो झेलनी पड़ी नज़रों की वर्जनाएँ||वर्जनाएँ।।विवाह होने पर पति द्वारा दी गई वर्जनाएँ|वर्जनाएँ।सास, ससुर के तानों की वर्जनाएँ|वर्जनाएँ।ननद, देवरों, जेठ, जेठानियों द्वारा भी दी गई वर्जनाएँ||वर्जनाएँ।।शिक्षिका बनी सह कर्मियों की झेली वर्जनाएँ|वर्जनाएँ।प्राचार्य द्वारा भी दी गई वर्जनाएँ|वर्जनाएँ।बच्चों के अटपटे उत्तर न दे पाने की वर्जनाएँ|वर्जनाएँ।
छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिका न जांचने पर,
अभिभावकों की झेली वर्जनाएँ||वर्जनाएँ।।कैसा बिता जीवन वर्जनाओं के घेरे में|में।अब अवसान के समय बहू बेटों की वर्जनाएँ|वर्जनाएँ।नाती पोते पोतियों की वर्जनाएँ|वर्जनाएँ।बस यूँ ही बीत गया, बीत रहा है, बीतेगा|बीतेगा।जीवन वर्जनाओं के घेरे में||में।।
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