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[[Category:देशभक्ति]]
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ऐ मातृभूमि तेरी जय हो, सदा विजय होप्रत्येक भक्त तेरा, सुख-शांति-कांतिमय होअज्ञान की निशा में, दुख से भरी दिशा मेंसंसार के हृदय में तेरी प्रभा उदय कान्तिमय हो।।
अज्ञान की निशा में, दुख से भरी दिशा में, संसार के हृदय में तेरी प्रभा उदय हो । तेरा प्रकोप सारे जग का महाप्रलय हो।।तेरी प्रसन्नता ही आनन्द का विषय हो।। वह भक्ति दे कि 'बिस्मिल' सुख में तुझे न भूले,वह शक्ति दे कि दुःख में कायर न यह हृदय हो।।
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