Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंददास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatPad}} <poem>...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नंददास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatPad}}
<poem>
भक्त पर करि कृपा श्री यमुने जु ऐसी ।
छांडि निजधाम विश्राम भूतल कियो, प्रकट लीला दिखाई जु तैसी ॥१॥
परम परमारथ करत है सबन कों, देत अद्भुतरूप आप जैसी ।
नंददास यों जानि दृढ करि चरण गहे, एक रसना कहा कहो विसेषी ॥२॥
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
1,983
edits