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12:50, 18 मई 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=विद्यापति
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भगबती चरनार बन्दिति की महा महिमा निहारु
भगबती वनरुप काली हुललि रण में भय कराली
भगबती दैरु बिपत्ति में
सिन्धु सँ हमरा उबारु
भगबती चरनार बन्दिति की महा महिमा निहारु
कटीय असुर सीर खप-खप
चाटि शोणित लाल-लप-लप
हारि छल रहलाह हमर गण
विकलता के क्रम निहारु
भगबती चरनार बन्दिति की महा महिमा निहारु
फूल जल चन्दन चढ़ेलऊँ
बीनती जय संगीत गयलहुँ
भगबती चरनार बन्दिति की महा महिमा निहारु
</poem>
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