593 bytes added,
09:24, 20 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सूरदास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatPad}}
{{KKAnthologyKrushn}}
<poem>
औरन सों खेले धमार श्याम मोंसों मुख हू न बोले।
नंदमहर को लाडिलो मोसो ऐंठ्यो ही डोले॥१॥
राधा जू पनिया निकसी वाको घूंघट खोले।
’सूरदास’ प्रभु सांवरो हियरा बिच डोले॥२॥
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader