698 bytes added,
10:06, 21 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सूरदास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBhajan}}
{{KKAnthologyKrushn}}
<poem>
कमलापती भगवान । मारो साईं कम०॥ध्रु०॥
राम लछमन भरत शत्रुघन । चवरी डुलावे हनुमान ॥१॥
मोर मुगुट पितांबर सोभे । कुंडल झलकत कान ॥२॥
सूरदास प्रभु तुमारे मिलनकुं । दासाकुं वांको ध्यान॥३॥
मारू सांई कमलापती० ॥
</poem>