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अपराजेय / त्रिलोचन

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{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
|संग्रह=दिगंत / त्रिलोचन
}}
 
भाव उन्हीं का सबका है,<br>
जो थे अभावमय,<br>
लेकिन अभाव से तपे नहीं,<br>
जागे स्वभाव में थके