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/* हरियाणवी रचनाएँ */
====हरियाणवी रचनाएँ====
* [[हो लिया देश का नाश, आज ये मोटे चाळे होगे / जय सिंह खानक]]
* [[अमेरिका तू अकडै़ दिखावै, या मरोड़ काढ़द्यां सारी / जय सिंह खानक]]
* [[नैतिकता ना रही किसे मैं, यो समाज उघाड़ा होग्या रै / जय सिंह खानक]]
* [[उठ सुबह अखबार पढूं, मैने चक्कर सा आवै सै / जय सिंह खानक]]
* [[या दुनियाँ झुलसी सारी, इस मंहगाई की आग मैं / जय सिंह खानक]]
* [[सदियों से हम पिसते आये, ना दिया सम्मान किसेनै / जय सिंह खानक]]