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कैनवास / पुष्पिता

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बच्चे
अपने सपनों की दीवार पर
पाँव के तलवे बनाता है
लावा के रंग में
और उसी में सूरज उगाता है।

आकाश उसका
नीला नहीं पीला है
सूरज उसके लिए
पीला नहीं लाल है।

पेड़ का रंग उसने
हरा ही चुना है
उसी में उसका मन भरा है।

बच्चे ने
सपनों के रंग बदल दिए हैं
अपने कल के कैनवास के लिए।
</poem>
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