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|रचनाकार=पुरुषोत्तम अग्रवाल
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<poem>
कवि के सपने में एक शहर आबाद था
शहर का नाम ग्वालियर या शायद इलाहाबाद था
सपने से निकला कवि
आ गया इस महानगर में
कितने मकान बदले
रह न पाया कभी घर में.
</poem>
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