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निस्संतान / गगन गिल

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<poem>
कभी कभी वह बिलकुल भूल जाती
जिसे वह इस बार
बता रही है तीन साल का
पिछली बार वह
तेरह का था
पांचवी में पढ़ती थी
बच्ची जो
अब आठवीं में आ गयी है
जबकि उन्हें मिले अभी
छःमहीने ही गुज़रे हैं
पिछली बारी दोनों में से
एक बहुत अच्छा गाता था
जबकि इस बार कह रही है वह
दोनों अच्छे निकल रहे हैं
गणित में
नाम तक गडबड है उसकी स्मृति में
सहेलीवाले आ गए हैं
उसकी ज़ुबान पर.
बहुत दिन हुए
ईश्वर ने चुरा लिए थे
उनके बच्चे
अब वे सिर्फ उन्हें
ढूंढती फिर सकती हैं.
</poem>
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