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अयाचित /अनामिका

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हिज्जे
|संग्रह=
}}
 
 
मेरे भंडार में<br>
घुनों को पता ही नहीं था<br>
कुनबा सीमित रखने का नुस्खा<br>
... सो, सबों ने मिल-बांटकरबाँटकर<br>
मेरा भविष्य तीन चौथाई<br>
और अतीत आधा<br>
मजे मज़े से हजम हज़म कर लिया।<br><br>
बाकी बाक़ी जो बचा<br>
उसे बीन-फटककर मैंने<br>
सब उधार चुकता किया<br>
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