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/* रचनाएँ */
* [[युग सम बीत रहा क्षण-क्षण / महावीर प्रसाद ‘मधुप’]]
* [[सन्त पड़ा कहना पापी हत्यारों को / महावीर प्रसाद ‘मधुप’]]
* [[मान लिया है मझाधारो मझधारों से, ठोकर मिली किनारों से / महावीर प्रसाद ‘मधुप’]]
* [[मन मैले तन हैं उजले / महावीर प्रसाद ‘मधुप’]]
* [[मौसम ने तेवर बदले हैं / महावीर प्रसाद ‘मधुप’]]
* [[पाप होने लगे धर्म की आड़ में / महावीर प्रसाद ‘मधुप’]]
* [[पाने से पहले जन में कुछ खोना पड़ता है / महावीर प्रसाद ‘मधुप’]]
* [[प्यार का रिश्ता पुरान पुराना हो गया / महावीर प्रसाद ‘मधुप’]]
* [[पीड़ित की परिचर्या में जो बीते वह पावन पल है / महावीर प्रसाद ‘मधुप’]]
* [[पतन के गर्त में उत्थान क्यों है, हम नहीं समझे / महावीर प्रसाद ‘मधुप’]]