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कहने को तो कुछ भी कहो,स्वीकार नहीं हमको।<br>हम जैसे हैं वैसे ही हैं,इन्कार नहीं हमको ॥हमको॥<br><br> खामोश भी जब हम रहे,कमजोर समझा हमको |<br>तोडेंगे मौन अपना , देंगे जवाब तुमको ।तुमको।<br>हम जैसे हैं वैसे ही हैं , इन्कार नहीं हमको ॥हमको॥<br><br> प्रश्नों के कठघरे में , घेरा है तुमने हमको ।हमको।<br>लेंगे हिसाब इक-इक , देना पडेगा तुमको ।तुमको।<br>हम जैसे हैं वैसे ही हैं , इन्कार नहीं हमको ॥हमको॥<br><br> पत्थर भी टूट जाए , कोसा है इतना हमको |<br>सभ्यता का पाठ फिरसे पढ.ना , फिर से पढ़ना पडेगा तुमको|<br>हम जैसे हैं वैसे ही हैं , इन्कार नहीं हमको ।हमको।<br><br> देखी नही नहीं जाती है , सफलता हमारी तुमको ।तुमको।<br>भारी पडी इक नारी , दे दी शिकस्त तुमको ||<br>हम जैसे हैं वैसे ही हैं , इन्कार नहीं हमको ॥हमको॥<br><br> राज़ मुबारक तुमको,ताज़ मुबारक तुमको |<br>बस चाहते हैं इतना , दे दो आकाश हमको ।|<br>हम जैसे हैं वैसे ही हैं , इन्कार नहीं हमको ॥हमको॥<br><br>