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08:37, 28 अगस्त 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पीयूष दईया
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
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<poem>
जग जाने सो
अभंग एक
निरन्तर
सच का शब्द
--पुतलियों में--
सहिदानी सौंप सब
करनी
हर ओर
अनाम
चुप
च(।)ल
</poem>
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