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17:45, 29 अगस्त 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=यतीन्द्र मिश्र
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|संग्रह=
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<poem>
उसने बानी दिया
जैसे रेत में ढूँढ़कर पानी दिया
उसने बानी दिया
जैसे रमैया से पूछकर
गुरु ग्यानी दिया
उसने बानी दिया
जैसे जीवन को नया मानी दिया.
</poem>
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