भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शिमला का तापमान-2 / अजेय

801 bytes added, 14:03, 1 सितम्बर 2014
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अजेय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> +2 ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अजेय
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
+2 0c

बच्चे बड़े बड़े गुब्बारे ओढ़ रहे हैं
गोल लम्बूतरे
बड़ी-बड़ी गुलाबी कैंडीज़ में से झाँकता
एक मरियल काला बच्चा
मेरे पास आकर रोता है -
‘अंकल ले लो न, कोई भी नहीं ले रहा’
उसकी आंखें प्रोफेशनल हैं
फिर भी भीतर कुछ काँप सा जाता है
तापमान पहले से बढ़ गया है
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
1,983
edits