743 bytes added,
15:27, 29 सितम्बर 2014 इन पठारी इलाकों में
घिस कर चिकनी हो चुकी चट्टानें
कैसे बिखरी हैं
जैसे मवेशी बैठे हों इधर-उधर
लगता है कि मैं दौडूंगा
और काली भैंस सी पसरी चट्टान पर
जा बैठूंगा
बैठते ही
चल देगी वह उठकर
सामने बहती नदी की ओर
रास्ते में
सीग उग आएंगे उसको
जिन्हें पकडकर मैं
नहाउंगा नदी में
डूब - डूब ।
1993