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नेटरा हाथ / कुमार मुकुल

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लेटा पढता होता हूं
तो किताब उठाये रखता है दाहिना
और लिखो
पालथी मार कर लिखो।
1990 मंगलेश डबराल की एक कविता पढकर।
'''1990 मंगलेश डबराल की एक कविता पढकर।'''
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