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जगजीत: एक बौछार था वो... / गुलज़ार
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गुलज़ार
|अनुवादक=
|संग्रह=
::मुस्कराहट में कई तरबों की झनकार छुपी थी
::गली क़ासिम से चली एक ग़ज़ल की झनकार था वो
::एक आवाज़ की बौछार था वो !!
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Sharda suman
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