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इस कटौती की मैयत उठायेंगे हम / नज़ीर बनारसी
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02:03, 16 अक्टूबर 2014
<poem>
कब तलक ज़ख्म हँस के खायेंगे हम
हग लिक
हर इक
चोट दिल की छुपायेंगे हम
नातवानी <ref>कमजोरी</ref> को ताकत बनायेंगे हम
मौत से ज़िन्दगी छीन लायेंगे हम
Sharda suman
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