इस तरह ख़ून कब तक जलायेंगे हम
इस कटौती की मैयत उठायेंगे हम
कौन किसकी हँसी छीन कर शाद <ref>खु़श</ref> है
कौन किसके उजड़ने पे आबाद है
तुम बताओ तुम्हें भी बतायेंगे हम
इस कटौती की मैयत उठायेंगे हम
सोने-चाँदी के हीरों के लख़्ते जिगर <ref>बेटा</ref>
ऊँची-ऊँची हवेली के जाने पेदर <ref>बेटा</ref>
अब कुद अपने लिए भी कमायेंगे हम
इस कटौती की मैयत उठायेंगे हम
जिसमें चेहरों का छीना हुआ नूर है
जिसकी रफ़्तार में आह मजबूर है
ऐसे मोटर की धज्जी उड़ायेंगे हम
इस कटौती की मैयत उठायेंगे हम
तुमसे आबाद होटल भी हैं बार भी
तमसे कोठे भी कोठे के बाज़ार भी
पाप करने से तुम को बचायेंगे हम
इस कटौती की मैयत उठायेंगे हम
वारिसे हिन्दो हिन्दोस्ताँ ज़ाद <ref>भारत में जन्मे</ref> हैं
हम भी इस देश माता की औलाद हैं
अब गु़लामी की लानत हटायेंगे हम
इस कटौती की मैयत उठायेंगे हम
ऐसे जीने की हम को जरूरत नहीं
अब तो या हम नहीं या मुसीबत नहीं