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ज़िद / परवीन शाकिर

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|संग्रह=
}}
{{KKCatNazm}} <poem>मैं क्यों उसको फ़ोन करूँ ! 
उसके भी तो इल्म में होगा
 
कल शब
 मौसम की पहली बारिश थी ।थी।</poem>
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