गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कोउ मोहिं पिय की गैल बतावै 2 / स्वामी सनातनदेव
14 bytes removed
,
10:58, 25 नवम्बर 2014
एक बार जो मिलहु पिया! तो जिय की जरनि जुड़ावै॥5॥
</poem>
{{KKMeaning}}
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,147
edits