भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
आशा है, सुमित जी, कि मैं आपको बता पाया कि "रो" तो कोई भी नहीं रहा है :-) कोई डिज़ाइनर मदद कर सके तो ठीक है नहीं तो कविता कोश तो बिना डिज़ाइनर के भी लोकप्रिय है और बढ़ रहा है। सादर '''--Lalit Kumar ०९:१३, ६ जनवरी २००८ (UTC)'''
सुमित जी,
आपका कविता संग्रह के लिंक्स से संबंधित सुझाव अच्छा है। पहले मैं इसी तरह लिंक्स बनाता था। लेकिन ऐसा करने से कवि का पन्ना बहुत लम्बा हो जाएगा और उसे लोड होने में भी देर लगेगी।
एक बात और, चौपाल में अपने संदेश के साथ अपना नाम भी अवश्य लिखा करें वरना यह पता करना कि संदेश किसने लिखा थोड़ा कठिन हो जाता है। नाम लिखने के लिये हर एडिट पन्ने पर एक हस्ताक्षर करने का बटन होता है। आजकल यह बटन दायें से तीसरे स्थान पर दिखाई देत है। '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] २१:०२, १६ जनवरी २००८ (UTC)'''