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/* बुन्देली में ग़ज़लें */
* [[अब तौ भौतई जाड़ौ हो गऔ / महेश कटारे सुगम]]
* [[शैरन के मौ भरे-भरे हैं / महेश कटारे सुगम]]
* [[करम सबई हैं कारे उनके / महेश कटारे सुगम]]
* [[बिन्नू हो गईं स्यानी मर रये ऐई फिकर के मारें / महेश कटारे सुगम]]