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/* बुन्देली में ग़ज़लें */
* [[जब सें तुम आ जा रये घर में / महेश कटारे सुगम]]
* [[दिन ऊंगत है रोज़ ढरत है / महेश कटारे सुगम]]
* [[अलग बात है कच्चे घर की / महेश कटारे सुगम]]
* [[नईंयाँ ग़ज़ल अकेली मोरी / महेश कटारे सुगम]]