भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria

1,173 bytes added, 20:04, 23 जनवरी 2008
डूबता चाँद कब डूबेगा पूरी कर दी है। दिमागी गुहान्धकार का ओराँगउटाँग यथा-शीघ्र काव्यकोश में डालने का प्रयत्न करूँगा। आपने पूरी कविता मिटा दी जानकर दुख हुआ भविष्य में ऐसा न करें जिस रूप में आपने कोई कविता टंकित की है उसी रूप में उसे कविता कोश में डालकर उसमें सम्पादन के लिए अन्य साथियों का सहयोग लें तो मेहनत व्यर्थ नहीं जायेगी।
शुभकामनाओं सहित--[[सदस्य:Hemendrakumarrai|Hemendrakumarrai]] १७:०३, १७ जनवरी २००८ (UTC)
 
 
==Indentation==
सुमित,
 
मैं आपके द्वारा बताई गयी समस्या को ठीक से समझ नहीं पा रहा हूँ। आप ऐसा कीजिये कि एक कविता जैसी भी जुड़े -उसे जोड़ दीजिये। जितना ठीक indentation हो सके उतना कीजिये बाकि रहने दीजिये। फिर मुझे उस कविता का नाम बताईये -मैं रह गयी कमी को पूरी करने की कोशिश करूँगा। वैसे हो सकता है कि रचना जैसे आपके पास उपलब्ध पुस्तक में छपी है -ठीक वैसी ही कोश में ना बन पाये -तकनीक की अपनी सीमायें होती हैं; लेकिन मैं कोशिश करूँगा... '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] २०:०४, २३ जनवरी २००८ (UTC)'''