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सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria

786 bytes added, 08:42, 20 मार्च 2008
सुमित जी,
 
प्रतिदिन मुझे अपने अज्ञानी होने के प्रमाण मिलते रहते हैं। सो जब आपने कहा कि मुझे हिन्दी की पूरी जानकारी नहीं है तो मुझे आश्चर्य नहीं हुआ। हालाँकि आपका बताया हुआ alt+shift+\ वाला तरीका मेरे कम्प्यूटर पर काम नहीं करता (मैं Windows XP +Firefox+Baraha का प्रयोग करता हूँ)
 
सादर
 
'''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] ०८:४२, २० मार्च २००८ (UTC)''''
 
 
मार्गदर्शन के लिये शुक्रिया सुमित जी। लेकिन जहाँ तक आपके द्वारा "रोना" शब्द प्रयोग करने की बात है -आपको बताना चाहूँगा कि ग्राफ़िक डिजाइनर की ज़रूरत कोश को केवल "स्किन" बदलने में सहायता करने के लिये नहीं है। एक डिज़ाइनर रंगो और चित्रों का बेहतर तालमेल कर सकता है। यदि कुछ छोटे-छोटे "आइकन" जैसे उपयुक्त ग्राफिक मिल जाएँगे तो पन्ने और अधिक सुन्दर लगने लगेगें। टैम्प्लेट्स डिज़ाइन में भी एक डिज़ाइनर सहायता कर सकता है। कविता कोश का लोगो भी बेहतर बनाया जा सकता है। सम्मान चक्रों का भी डिज़ाइन करने की आवश्यकता है। ये सब ग्राफ़िक्स जल्दी-जल्दी में बस काम चलाने के लिये बनाये गये हैं। डिज़ाइनर का "रोना" नहीं है -पर यदि कोई सदस्य डिज़ाइनर हो और कुछ सहायता कर सके तो कोई बुराई नहीं है। ये सब छोटे-छोटे काम हैं और इनमें अधिक समय नहीं लगता।