छटपटाहट का ज्वालामुखी सक्रिय है
बेचैनी का सुनामी सक्रिय है
मैं सक्रिय हुँ–हूँ–सडक सड़क में फैले सपनों के टुकडों को जोड्ने केलिए
और आईने में
दुःखों के द्वारा खदेड रहे आपने ही चहरे को देखने।
यह सडक सड़क ही है मेरा पाठशालायह सडक सड़क ही है मेरा धर्मशाला
मुझे किस ने पागल बनाया ए बटोही भाई
मेरा बुद्धि/ईश्वर
या ईस इस कुरुप राज्यसत्ता ने? मैं कैसे गिरा ईस सडक इस सड़क पर
रात को तारों के उतरने वाले घरके छत से?
इसी सडक सड़क पर जमा कूडे मेंमैं पाता हुँ हूँ मेरे देश का असली सुगन्धइसी सडक सड़क पर बहते भीड मेंमैं देखता हुँ हूँ नङ्गा चल रहा अराजकतायहीं सडक सड़क पर हमेशा मुलाकात होता है एक बूढे समयके साथ
जो हमेशा हिँसा के बीज बोने में व्यस्त रहता है
इसी सडक सड़क में हमेशा मुलाकात होता है एक जीर्ण देशके साथ
जो हमेशा अपने खोए हुए दिलको ढूँढ्ने मे व्यस्त रहता है।
विश्वास करो या नहीं
आजकल मुझे यह सडकसड़क
पैरों के निशानों के संग्रहालय जैसा लगता है।
मुझे पता है
ईसी सडक इसी सड़क से होकर सिंहदरबार पहुँचकरसिंह दरबार पहूँचकर
कौन कितने मूल्य मे खरिदा गया है,
इस सडक सड़क में चप्पल रगडने वालों के पसिने पसीने में पिसकर
कितनों ने माथे पे लगाए हैं पाप का चन्दन,
इस सडक सड़क पर रोने वालों के आँसु आँसू के झुले झूले में झूलकर
किस किस ने छुए हैं वैभव का उँचाई
वह भी मुझे मालूम है।
आप को भी तो मालूम होना चाहिए
प्रत्येक दिन
कितने देशवासियों के आँसु आँसू में डूबकरसुखती है इस सडक सड़क की आँखें?
प्रत्येक रात
कितने नागरिकों के बुरे हातों से चिरकर
तडपता है इस सडक सड़क का हृदय?
पता नहीं क्या नाम जँचेगा इस सडक सड़क के लिएयह सडकसड़क
थकित पैरों का संग्रहालय बना है
हारे हुए इंसानों के आँसु आँसू का नदी बना हैअनावृष्टि में चिरा पडा पड़ा हुआ खेत जैसा
पैने हात के द्वारा फटा हुआ कलाकृति बना है।
कंगाल देश का
डरावना एक्स–रे बना है,
रोगी देश को उठा कर दौड दौड़ रही
केवल एक्बुलेंस बना है।
घिनौने उपमाओं में
जो नाम दें तो भी ठीक है इस सडक सड़क के लिए
पर ए बटोही भाई
इस देश को जँचता
मैं एक नयाँ नया नाम सोच रहा हुँहूँमैं एक सुन्दर नाम सोच रहा हुँ।हूँ।
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