<poem>
उठो लाल अब आँखें खोलो,
पानी लाई हूँ, मुँह धो लो।लो ।
बीती रात कमल-दल फूले,
उनके ऊपर भौंरे झूले।झूले ।
चिड़ियाँ चहक उठी पेड़ों पर,
बहने लगी हवा अति सुदर।सुन्दर ।
नभ में न्यारी लाली छाई,
धरती ने प्यारी छवि पाई।पाई ।
भोर हुआ सूरज उग आया,
जल में पड़ी सुनहरी छाया।छाया ।
ऐसा सुंदर सुन्दर समय न खोओ,मेरे प्यारे अब मत सोओ।सोओ ।
</poem>