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बनि आये बनवारी बैदराज
बनि आये बनवारी
खोरेन खोरेन फिरै बैदराज
है कोए: सखि बेमारी
काहे बनि आये बनवारी बैदराज
काहे बनि आये बनवारी
अपने महलि से बोली राधिका
देखा नारी हमारी बैदराज
बनि आये बनवारी
अंगुरी पकड़त बहुका पकड़िन
पकड़िन बाहुं मुरारी
बैदराज बनि आये बनवारी
ई रोगियन मां रोग नहीं है
है रस केर बेमारी
बैदराज बनि आये बनवारी
बैदराज बनि आये बनवारी
बनि आये बनवारी
</poem>