भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
अन्यों को सुख पहुँचाता ख़ुद को पीड़ा
यूँ बना देवता वो शासक अभिमानी
अब कहो बालकों बालको, कैसी लगी कहानी ?
1967
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits