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नमो, नमो, नमो...
नमोस्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो।<br><br>नमो!नमो नगाधिराज - श्रृंग की विहारिणी!नमो अनंत सौख्य-शक्ति-शील-धारिणी!प्रणय-प्रसारिणी, नमो अरिष्ट-वारिणी!नमो मनुष्य की शुभेषणा-प्रचारिणी!नवीन सूर्य की नयी प्रभा,नमो, नमो!
नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजाहम न किसी का चाहते तनिक, नमोअहित, नमो !<br>अपकार।नमो नगाधिराज - श्रृंग की विहारिणी !<br>प्रेमी सकल जहान का भारतवर्ष उदार।नमो अनंत सौख्य-शक्ति-शील-धारिणी!<br>सत्य न्याय के हेतुप्रणय-प्रसारिणी, नमो अरिष्ट-वारिणी!<br>फहर फहर ओ केतुनमो मनुष्य की शुभेषणाहम विचरेंगे देश-प्रचारिणी!<br>देश के बीच मिलन का सेतुनवीन सूर्य पवित्र सौम्य, शांति की नयी प्रभाशिखा,नमो, नमो!<br><br>
हम न किसी का चाहते तनिक, अहित, अपकार।<br>प्रेमी सकल जहान का भारतवर्ष उदार।<br>सत्य न्याय के हेतु<br>फहर फहर ओ केतु<br>हम विचरेंगे देश-देश के बीच मिलन का सेतु<br>पवित्र सौम्य, शांति की शिखा, नमो, नमो!<br><br> तार-तार में हैं गुंथा ध्वजे, तुम्हारा त्याग!<br>दहक रही है आज भी, तुम में बलि की आग।<br>सेवक सैन्य कठोर<br>हम चालीस करोड़<br>कौन देख सकता कुभाव से ध्वजे, तुम्हारी ओर<br>करते तव जय गान<br>वीर हुए बलिदान,<br>अंगारों पर चला तुम्हें ले सारा हिन्दुस्तान!<br>प्रताप की विभा, कृषानुजा, नमो, नमो!<br><br/poem>