भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
सूखे हुए औ’ फटे हुए हैं होंठ
रंग गुलाबी उनका फीका पड़ चुका है
पर चाहते हैं वे प्रेम का लम्बा चुम्बनऔर पर मई का महीना अब गुज़र चुका है
हे ईश्वर ! प्रेम कितना है ज़्यादा
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits