भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
उसने देखा पृथ्वी की चिन्ता में
भाप उठने लगी है समुद्रोंसेसमुद्रों से
धरती से भू-उपग्रहों की ओर
पहले कुछ पत्ते उड़े, फिर थोड़े से लोग