भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ज़ाहिद अबरोल |संग्रह=दरिया दरिय...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ज़ाहिद अबरोल
|संग्रह=दरिया दरिया-साहिल साहिल / ज़ाहिद अबरोल
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>


शादमानी<ref>ख़ुशी</ref> में कभी दर्द में ढलते हुए रंग
हमने देखे हैं ज़माने के बदलते हुए रंग

दर्द की एक भी तस्वीर नहीं बन पाई
दिल में यूं तो लिए फिरता हूं मैं जलते हुए रंग

हद से बढ़ जायें तो तस्वीर को खा जाते हैं
सफ़ह-ए-दहर<ref>काल,समय के पन्ने</ref>पे सौ नाज़ से चलते हुए रंग

कौन समझे भला इन ज़ीस्त<ref>जीवन</ref>की तस्वीरों को
एक इक पल में हैं सौ रंग बदलते हुए रंग

दिल के काग़ज़ को बचा लो ऐ ज़माने वालो
ले के आता है कोई आग उगलते हुए रंग

ज़िक्र-ए-“ज़ाहिद’’<ref>जाहिद की</ref> का बुरा हो कि दिखाये उस ने
हम को उस शोख़ के चेहरे के बदलते हुए रंग

{{KKMeaning}}
</poem>