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|रचनाकार=रचना शेखावत
|संग्रह=मंडाण / नीरज दइया
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<poem>
म्हैं सूरज सूं तूट’र
नाकै होयगी
पण अजै ई
अंधारै नैं कैवो
म्हनैं
मारग दीसै है
सैंग च्यानणो
म्हारी
बाट अडीकै है।
</poem>
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