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काउंट डाउन / राग तेलंग

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<poem>30... 29... 28... 27... 26...
ट्रैफिक सिग्नल पर काउंट डाउन जारी था
हरी बत्ती की तरफ

इत्ते में एक मंगता-सा शख्स आया
मेरे वाहन के पास
मुझसे कहने लगा -
बहुत बुरा समय आने वाला है
यूं कि दिखेगी नहीं
पर हवा में ही आग लग जाएगी
तुम पानी की तरफ भागोगे
पानी भी भाप बन जाएगा
दर-बदर भटकोगे मेरी तरह
तुम्हारी उल्टी गिनती
शुरू हो जाएगी
सिग्नल हरा होते तक
खत्म हो जाओगे...

वह कहते-कहते रुक गया
बत्ती हरी होते ही
मैं आगे बढ़ गया

आगे जाकर खुद रुका
तो फिर रुका ही रह गया / संक्षेप में सोचते
पृथ्वी पर उल्टी गिनती जारी है
हरा जाने को है लाल की तरफ ।

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