भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रदीप मिश्र |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> ''...' के साथ नया पृष्ठ बनाया

{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रदीप मिश्र
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
''' कोचिंग सेन्टर - तीन '''

होर्डिंग पर चस्पा हमउम्र बच्चे की तस्वीर को
उसने बड़े गौर से देखा
और जोड़-जोड़ कर पढ़ा

आई... आई... टी... फर्स्ट.. रैंक...
मुस्कराया और बोला वाह बेटा
फिर ख़ख़ार कर थूका और चल दिया
चाय पहुँचाने
सेठ सोनामल की दूकान पर।

</poem>
155
edits