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श्रेणी:भजन

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[[चारूं प्रगट भया/अज्ञात]]
चारों ललवा प्रगट भये आज अवध में लडवा बटे
[[चारों भैया प्रगट भये आज म्हारे आंगणे /भजन/अज्ञात]] अवध में लडवा बटे
लडवा बटे रे, ढोल धुरे रे, झीनी झीनी उड़े रे गुलाल
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ:बांदरवाळ बँधाओ मेरी बहना , परदे लगाओ जरीदार, अवध में लडवा बटे
निर्विग्न कुरुमेदेव सर्व कार्येषु सर्वदा ||चारों ललवा प्रगट भये आज अवध में लडवा बटे
चारों भैया प्रगट भये आज अवध में लडवा बटे
आज म्हारे आंगणे श्री गिरिजा नंदन आयोजी,
गिरिजानन्दन आयोजीमोतियन चौक पुराओ मेरी बहना , भक्तन सुवर्ण के मन भायोजी ||कलश सजाय
केसर कस्तूरी की भरदो तलैयाँ, बरसादो मुसळधार, अवध में लडवा बटे
कमर तगड़ी, पगाँ पैजनी, हाथां झुणझुणीयो लायोजी, चारों ललवा प्रगट भये आज अवध में लडवा बटे
नैन चारों भैया प्रगट भये आज अवध में काजलयो, मस्तक टिकी चाँद मंडायोजी ||लडवा बटे
पहर जरी को झबलो , चोटी रेशम फूल गुंथायोजी,
ठुमक ठुमक कर चालेगैया के दूध की खीर घुटाओ ,बोली बोले है तुतलायोजी ||ब्राह्मण जिमाओ अपार
छटी पूजाओं गीत सब गावो , मोहरों की करदो उछाल, अवध में लडवा बटे
चौकी पर सिंघासन, जि पर सुन्दर वस्त्र बिछायोजी,चारों ललवा प्रगट भये आज अवध में लडवा बटे
चरण धोय चरणामृत ले शिव नंदा ने बैठायोजी ||   चन्दन,अक्षत,धुप,दीप कर पुष्प हार पहनायोजी,  भोग लगावण एक थाल लडुअन को भी मंगवायोजी ||  लाडू देख विनायकजी को मनड़ो चारों भैया प्रगट भये आज अवध में लडवा ललचायोजी,  झटपट उठा उठा कर लाडू रुच रुच भोग लगायोजी ||   छटा देख प्रिय गजानंद की मन म्हारो हरषायोजी,  नजर न लागे लम्बोदर के राई लूण करवायोजी ||  विघ्न विदारण मंगल कारण रिद्ध सिद्ध सागे ल्यायोजी, सेवक गण श्रीगजानंदजी ने प्रेम से लाड लडायोजी ||बटे
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